जलकर मिल जाएगी खाक में मैं - तनहा शायर हु तुमसे बिछड़ के - तनहा शायर हु मंज़िल मिल जाएगी क्यों नींद नहीं आती- तनहा शायर हु साया हूं में धुप में साये का अहसास है होता साथ वही तेरे साया हु में.... तनहा शायर हु तनहा शायर हू

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